जब भी हम पैसे की जरूरत में होते हैं, तो लोन एक सहारा बनकर आता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर लोन इन केस ऑफ़ डेथ हो जाए, तो उस लोन का क्या होता है? या फिर आप ऐसी स्थिति में हैं कि आपके किसी परिवार के सदस्य ने लोन लिया है, लेकिन दुर्भाग्यवश उसकी मौत हो चुकी है और आप जानना चाहते हैं कि अब उसके द्वारा लिए गए लोन का क्या होगा? तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं, क्योंकि आज हम आपके सभी सवालों के जवाब देंगे, जिसमें हम लोन लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु के बाद सुरक्षित और असुरक्षित ऋण के प्रभावों को विस्तार से समझेंगे।
सुरक्षित और असुरक्षित ऋण को समजे
सुरक्षित (Secured )
सुरक्षित ऋण के लिए आपको एक संपत्ति जैसे घर, गाड़ी या कोई अन्य मूल्यवान वस्तु को गारंटी (कोलेटरल) के रूप में रखना पड़ता है। यह संपत्ति बैंक या वित्तीय संस्थान के लिए सुरक्षा की तरह काम करती है, ताकि अगर आप ऋण चुकाने में असफल रहते हैं तो वे इस संपत्ति को बेचकर बकाया राशि वसूल सकते हैं।
असुरक्षित (Unsecured )
असुरक्षित ऋण के लिए किसी भी प्रकार की संपत्ति को गारंटी के रूप में रखने की आवश्यकता नहीं होती। इस प्रकार के ऋण के लिए, बैंक आपके क्रेडिट इतिहास और चुकाने की क्षमता का मूल्यांकन करता है, ताकि ऋण की राशि तय की जा सके।
लोन इन केस ऑफ़ डेथ का प्रभाव : सुरक्षित और असुरक्षित ऋण पर
लोन दो प्रकार के होते हैं, एक Secured और दूसरा Unsecured Loan। इसी तरह, लोन लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर इन दोनों तरह के लोन पर बैंक अलग-अलग निर्णय ले सकता है।
Secured लोन के मामले में
सिक्योर्ड लोन वह होता है, जिसमें उधारकर्ता कुछ न कुछ संपत्ति गिरवी रखता है। यदि उधारकर्ता की मृत्यु हो जाती है, तब भी बैंक उस गिरवी रखी गई संपत्ति को बेचकर लोन की बकाया राशि वसूल कर सकता है। इसके अलावा, बैंक गारंटी वाले मामलों में 50% से 70% तक की लोन सेटलमेंट करने का ऑफर भी दे सकता है, जिससे लोन राशि काफी कम हो जाती है।
Unsecured लोन के मामले में
अगर उधारकर्ता ने असिक्योर्ड लोन (जैसे पर्सनल लोन) लिया है और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में बैंक लोन की बकाया राशि परिवार वालों से वसूल नहीं कर सकता, जिससे लोन की बकाया राशि माफ़ हो जाती। यदि लोन लेते समय गारंटर या परिवार का कोई सह-उधारकर्ता (co-borrower) मौजूद है, तो लोन की बकाया राशि चुकाने की जिम्मेदारी उन्हीं पर होती है।
लोन बीमा और इसके लाभ
लोन बीमा
लोन बीमा, जिसे “लोन प्रोटेक्शन प्लान” भी कहा जाता है, एक ऐसी बीमा पॉलिसी है जो लोन लेने वाले की मृत्यु, बीमारी या दुर्घटना की स्थिति में लोन को चुकाने की जिम्मेदारी निभाती है। इससे न केवल मृतक के परिवार को राहत मिलती है, बल्कि बैंक या एनबीएफसी (Non-Banking Financial Company) को भी उनकी बकाया राशि वापस मिल जाती है।
क्रेडिट/डेबिट कार्ड से जुड़े एक्सीडेंटल इंश्योरेंस के लाभ
क्रेडिट या डेबिट कार्ड से जुड़ा एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कार्डधारक को दुर्घटना में मृत्यु के बाद वित्तीय सहायता प्रदान करता है। आमतौर पर, यह इंश्योरेंस कार्ड जारी होते ही लागू हो जाती है। अगर मृतक ने क्रेडिट कार्ड से कोई लोन लिया है, तो एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कवर की शर्तों के अनुसार बकाया ऋण का भुगतान इंश्योरेंस राशि से किया जा सकता है। इस स्थिति में, परिवार या उत्तराधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार नहीं होते जब तक वे सह-उधारकर्ता या गारंटर न हों।
निष्कर्ष :-
तो आप जान चुके होंगे कि अगर आपकी किसी परिवार की सदस्य की मृत्यु हो चुकी है, तो लोन इन केस ऑफ़ डेथ में आपको क्या-क्या करना चाहिए। इसमें लोन बीमा का महत्व भी आपको समझ में आ गया होगा। इसलिए, अगर आप भविष्य में कभी भी लोन लेना चाहते हैं, तो उस लोन पर बीमा जरूर करवा लें। लोन लेने से पहले थोड़ा सतर्क बनें। यदि मृतक ने लोन पर बीमा नहीं लिया है और उसने कोई संपत्ति गिरवी नहीं रखी है, तो ऐसी स्थिति में आप कानूनी सलाहकार की मदद लें, जिससे आपको कम से कम बकाया राशि चुकानी पड़े।
FAQ : –
क्या बैंक मृतक के लोन का भुगतान परिवार से करवा सकता है?
नहीं, जब तक परिवार सदस्य सह-उधारकर्ता या गारंटर नहीं हैं, तब तक बैंक परिवार के सदस्यों से ऋण की बकाया राशि नहीं वसूल सकता। अगर कोई गारंटर नहीं है और ऋण असुरक्षित है, तो बैंक उस ऋण को समाप्त कर देगा।
क्या legal heirs उधारकर्ता की मृत्यु के बाद loan चुकाने के लिए जिम्मेदार हैं?
कानूनी उत्तराधिकारी मृतक के ऋण चुकाने के लिए जिम्मेदार नहीं होते, जब तक वे सह-उधारकर्ता, गारंटर या गिरवी रखी गई संपत्ति के उत्तराधिकारी न हों। सुरक्षित ऋण के मामले में, लेनदार गिरवी रखी गई संपत्ति जब्त कर सकता है और बकाया की वसूली के लिए उसे बेच सकता है। पर्सनल लोन इन केस ऑफ़ डेथ में, यदि उधारकर्ता की कोई संपत्ति नहीं होती, तो उत्तराधिकारियों पर इसका भार नहीं पड़ता है
अगर किसी relative पर loan outstanding हो तो क्या करें?
पुष्टि करें कि ऋण सुरक्षित है या असुरक्षित।
जांचें कि उधारकर्ता के पास ऋण बीमा है या नहीं जो ऋण चुकाने में मदद कर सके।
अनावश्यक देनदारियों से बचने के लिए असुरक्षित ऋण के लिए वकील से परामर्श करें।
क्या होता है यदि किसी सुरक्षित ऋण में गिरवी रखी संपत्ति सह-मालिक की हो और एक उधारकर्ता की मृत्यु हो जाए?
यदि गिरवी रखी संपत्ति सह-मालिक की है, तो जीवित उधारकर्ता या सह-मालिक की जिम्मेदारी होती है कि वह ऋण चुकाए। यदि ऋण का भुगतान नहीं किया जाता है तो लेनदार संपत्ति को जब्त कर सकता है।
किसान क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु होने पर क्या होता है?
जब एक किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) धारक की मृत्यु हो जाती है, तो इसके नियम कार्ड के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। आमतौर पर, KCC धारक व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा के तहत कवर होता है। यह बीमा मृत्यु या स्थायी विकलांगता के मामले में ₹50,000 तक और अन्य जोखिमों के लिए ₹25,000 तक का कवर प्रदान करता है।