आज के समय में लोग अपनी जरूरत पूरा करने के लिए बाइक लोन ,पर्सनल लोन ,ट्रैक्टर लोन , बिजनेस लोन या फिर अन्य प्रकार के लोन लेते हैं। लेकिन जब वह व्यक्ति किसी कारणवश लोन की ईएमआई नहीं चुका पाता तो उस व्यक्ति को बैंक के द्वारा डिफाल्टर घोषित कर दिया जाता है तथा उससे बची हुई लोन राशि वसूलने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाती है।
लेकिन बहुत सारे लोगों लोन डिफाल्टर के अधिकार पता नहीं होते, जिसकी वजह से उनके मन में शंका बनी रहती है कि अगर वह लोन की किस्त नहीं भरेंगे तो उनको जेल हो जाएगी या फिर जानकारी अभाव के कारण लोन डिफाल्टर बहुत ज्यादा डर जाता है, जिसकी वजह से वह मानसिक तनाव में आ जाता है। इसी को देखते हुए आज हम आपको बताएंगे कि क्या लोन न चुकाने पर जेल हो सकती है तथा समय पर लोन की ईएमआई न भरने पर क्या -क्या होगा।
लोन न चुकाने पर जेल हो सकती है?
अगर आपने सिक्योर्ड लोन की ईएमआई काफी समय से नहीं भरी है तो ऐसी स्थिति में बैंक आपके द्वारा गिरवी रखी गई आपकी प्रॉपर्टी या कोई वस्तु को बेचने की प्रक्रिया शुरू कर देता है, जिससे वह लोन की बकाया राशि को रिकवर कर सके।
वहीं दूसरी स्थिति में जब आप पर्सनल लोन की emi नहीं भरते है तो ऐसी स्थिति में लोन की ईएमआई भरने के लिए आपके पास 90 देने का समय होता है। अगर आप इस समय में लोन नहीं भरते हैं तो आपके लोन अकाउंट को NPA घोषित कर दिया जाता है फिर बैंक के द्वारा पर्सनल लोन की रिकवरी करने के लिए उस व्यक्ति को लीगल नोटिस भेजा जाता है।
नोटिस मिल जाने पर आपको घबराने की जरूरत नहीं है ऐसी स्थिति में आपको बैंक के नोटिस का जवाब देना है, जिसमें अपनी लोन की किस्त न भरने की वजह बताएं। ऐसा करने पर आगे चलकर यदि आपको कोर्ट में पेश होना पड़े तो बैंक के नोटिस का जवाब देना आपके पक्ष को मजबूत बनाएगा।
इसके बाद ऋणदाता अपनी लोन की रकम वसूलने के लिए उद्धारकर्ता के खिलाफ सिविल कोर्ट में मुकदमा करता है। जिसमें इसका मतलब बिल्कुल नहीं है कि आपको कोर्ट द्वारा क्रिमिनल घोषित कर दिया जाएगा और आपको जेल हो जाएगी, बल्कि कोर्ट के द्वारा आपसे लोन की सेंट्रलमेंट करने के लिए कहा जाएगा या फिर आपकी आर्थिक स्थिति को देखकर आपका लोन माफ भी किया जा सकता है।
वहीं दूसरी तरफ अगर कोर्ट को यह पता चलता है कि आपने जानबूझकर लोन नहीं चुकाया है या फिर आपने बैंक के साथ किसी तरह की धोखाधड़ी की है तो बहुत कम मुकदमो में देखा गया है की लोन ना चुकाने वाले व्यक्ति को जेल हुई है, तथा ज्यादातर मुकदमों में लोन डिफाल्टर को जेल नहीं होती है।
पर्सनल यह सिक्योर्ड लोन की emi नहीं चुकाने पर क्या होता है?
- बैंकों के एजेंट के द्वारा आपको बार-बार कॉल की जाएगी, जिसमें मैं आपको लोन भरने के लिए दबाव डाला जायेगा।
- बैंक के द्वारा रिकवरी एजेंट आपके घर पर लोन रिकवरी करने के लिए भेजे जा सकते हैं।
- लोन न मिलने की स्थिति में बैंक आप पर सिविल कोर्ट का मुकदमा दायर करवा सकता है।
- बैंक से धोखाधड़ी करना या फिर चेक को बाउंस होने की स्थिति पर आप पर परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 138। के तहत मुकदमा दर्ज हो सकता है, जिसमें जेल होने की संभावना होती है।
- यदि आपने सिक्योर्ड लोन लिया है तो ऐसी स्थिति में बैंक आपकी प्रॉपर्टी या फिर उसे वस्तु की नीलामी करके अपनी बकाया लोन राशि वसूल सकता है।
- अगर आपने 20 लाख से अधिक का लोन लिया हुआ है, तो बैंक Debt Recovery Tribunals के अंतर्गत लोन डिफाल्टर पर मुकदमा लगा सकता है, जिससे लोन डिफॉल्टर बहुत मुश्किल में फंस जाते है।
कंक्लुजन
दोस्तों हमारे द्वारा बताई गई जानकारी अलग-अलग स्रोतों से बहुत सारी रिसर्च करने के बाद तथा लोगो के पर्सनल एक्सपीरियंस के द्वारा सांझी की गई है. जिसमें हमने यह निष्कर्ष निकला है कि आमतौर पर कर्ज न चुकाने की सजा नहीं होती है। लेकिन फिर भी अगर आप लोन डिफाल्टर है तो अपना पक्ष रखने के लिए किसी वकील की सलाह जरूर लें, जिससे आप कानूनी प्रक्रिया से बच सकते हैं।
FAQ:-
बाइक लोन न चुकाने पर क्या होता है?
बाइक लोन न चुकाने पर बैंक सबसे पहले आपके घर रिकवरी एजेंट भेजेगा और आपको ईमेल तथा एसएमएस भी कर सकता है।
इसके बाद भी आप लोन नहीं भरते हैं तो बैंक आपको एक लीगल नोटिस भेज सकता है जिसमें बैंक आपसे सेटलमेंट के लिए कहेगा। यदि आप इसे भी इग्नोर करते हैं तो बैंक आपको डिफाल्टर घोषित कर सकता है और आपकी बाइक जब्त कर सकता है।
लोन का कर्ज न चुकाने की सजा किन वजहों से होती है?
आमतौर पर कर्ज न चुकाने पर जेल नहीं होती, लेकिन कुछ ऐसी स्थिति भी है जिसमें भारत सरकार ने कुछ कानून बनाए हैं, जिसके तहत कर्जदार को लोन ना चुकाने पर सजा दी जाती है.
आईपीसी की धारा 415 :- जानबूझकर लोन वापस न करने वाले ग्राहकों पर इस धारा के तहत मुकदमा चलाया जाता है और दोषी की सजा अधिकतम 2 वर्ष की जेल तथा जुर्माना है।
आईपीसी की धारा 403:– बैंक की संपत्ति से बेईमानी करने वाले ग्राहकों पर इस धारा के तहत मुकदमा चलाया जाता है और दोषी की सजा अधिकतम 2 वर्ष की जेल है।
निगोशिएबल इंट्रूमेंट एक्ट, 1881 की धारा 138:– चेक बाउंस होने पर इस धारा के तहत मुकदमा चलाया जाता है, इस धारा के तहत दोषी की सजा अधिकतम 2 वर्ष की जेल और जुर्माना है।
आईपीसी की धारा 420:– दस्तावेजों के साथ धोखाधड़ी करके बैंक से कर्ज लेना और उसे प्लानिंग सहित वापस न करने पर आईपीसी की धारा 420 के तहत कर्जदार पर मुकदमा चलाया जाता है और दोषी पाए जाने पर अधिकतम 7 साल की सजा सुनाई जा सकती है।
पर्सनल लोन न चुकाने पर क्या होगा?
पर्सनल लोन न चुकाने पर सबसे पहले आपका सिबिल स्कोर (क्रेडिट स्कोर) खराब हो जाएगा, जिससे भविष्य में आपको कोई भी वित्तीय संस्थान, बैंक लोन नहीं देगा।
इसके अलावा बैंक के एजेंट बार-बार आपके घर आकर लोन जमा करने का दबाव बनाएंगे और रोजाना एसएमएस ईमेल तथा नोटिफिकेशन के माध्यम से आपको लोन भरने के लिए कहा जाएगा।
अगर आप रिकवरी एजेंट तथा बैंक की कॉल, एसएमएस को इग्नोर करेंगे तो धोखाधड़ी तथा बेईमानी करने पर बैंक आईपीसी की धारा 403 तथा 420 के तहत बैंक आप पर मुकदमा कर सकती है।
ट्रैक्टर लोन नहीं चुकाने पर क्या होता है?
ट्रैक्टर लोन न चुकाने पर किसानों पर भारी भरकम कार्रवाई बैंकों द्वारा की जाती है।
सबसे पहले बैंक के रिकवरी एजेंट किसानों को ट्रैक्टर लोन भरने के लिए परेशान करते हैं और उनके साथ बदसलूकी करते हैं।
इसके बाद किसानों को बैंक द्वारा एक लीगल नोटिस भेजा है उसके बाद भी किसान यदि ट्रैक्टर लोन नहीं जमा करते हैं तो किसानों से उनका ट्रैक्टर जब्त लिया जाता है और उन्हें डिफाल्टर घोषित कर दिया जाता है।
kcc लोन नहीं चुकाने पर क्या होता है?
अगर आप किसान क्रेडिट कार्ड लोन नहीं चुकाते हैं तो जिस जमीन पर आपने किसान क्रेडिट कार्ड लिया होगा, उस जमीन की नीलामी होगी और आपको दोबारा कभी भी केसीसी लोन नहीं दिया जाएगा।
यदि आपने बैंक से जमीन संबंधित धोखाधड़ी की तो आपको जेल भी जाना पड़ सकता है।
EMI नहीं चुकाने पर क्या होता है?
जब आप पहली किस्त जमा नहीं करेंगे तो बैंक आपको एसएमएस तथा कॉल के माध्यम से EMI जमा करने के लिए कहता है।
इसके बाद यदि आप तीन या चार EMI जमा नहीं करते हैं तो बैंक आपको कारण बताओं नोटिस भेजेगा; आप चाहे तो इस समय बैंक से सेटलमेंट करके EMI की अवधि बढ़वा सकते हैं।
इसके बाद भी EMI नहीं जमा की जाती है तो बैंक जल्द से जल्द रिकवरी का प्रक्रिया शुरू कर देता है; इसके बाद आपके घर रिकवरी एजेंट का आना जाना शुरू हो जाता है।
बिजनेस लोन नहीं भरा तो क्या होगा?
बिजनेस लोनन भरने पर आपको जेल तो नहीं हो सकती है लेकिन आपको बैंक द्वारा डिफाल्टर घोषित कर दिया जाएगा और आप पर बैंक सिविल कोर्ट पर एक मुकदमा भी दायर कर सकती है जिससे आपको अपनी संपत्ति बेचकर बैंक का कर्जा वापस करना होगा।
लोन का कर्ज न चुकाने की सजा क्या है?
लोन की ईएमआई न चुकाने पर जेल नहीं होती लेकिन कुछ ऐसी स्थिति भी होती है, जिसमें कुछ लोगों को जेल हो जाती है. इसकी अधिक जानकारी के लिए हमारा पोस्ट जरूर पड़े.