क्या आप एक ऐसी स्थिति में हो जहां पर आप उद्धारकर्ता द्वारा लिए गए लोन के गारंटर के रूप में हो यह आपको समझ नहीं आ रहा कि आपको गारंटर बनना चाहिए या नहीं तो आप नीचे दिए गए Bank loan guarantor rules, अधिकार तथा लोन गारंटर रिस्क को ध्यान पूरक पड़े जिससे आपके मन में चल रहे सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा।

गारंटर क्या है?
जब कोई व्यक्ति बैंक से लोन लेता है, तो बैंक अपनी धनराशि की सुरक्षा के लिए उसे एक ऐसे व्यक्ति का चयन करने को कहता है जो गारंटर के रूप में कार्य कर सके। इससे यह सुनिश्चित होता है कि अगर लोन लेने वाला चूक करता है, तो भारती संविदा अधिनियम, 1872 (Section 128) के अनुसार, गारंटर को भी उधारी चुकानी पड़ सकती है।
गारंटर बनने के नियम :
- गारंटर बनने के लिए अच्छा सिविल स्कोर होना चाहिए।
- गारंटर के पास स्थित और नियमित आय होनी चाहिए।
- गारंटर की उम्र 18 वर्ष से अधिक तथा 70 वर्ष से कम होनी चाहिए।
- कुछ वित्तीय संस्थाएं लोन लेने वाले व्यक्ति तथा गारंटर के बीच पारिवारिक संबंध होने अनिवार्य मानती है।
- RBI की ताजा गाइडलाइन्स (2025) कहती हैं कि गारंटी छोटी अवधि (10 साल से कम) की होनी चाहिए।
गारंटर बनने की योग्यता मानदंड:
वित्तीय स्थिरता :
- यदि गारंटर बनने का निर्णय लें, तो पहले अपनी आर्थिक स्थिति, संपत्तियों और भविष्य की आवश्यकताओं का मूल्यांकन करें।
- गारंटर की क्रेडिट योग्यता निर्धारित करने के लिए, बैंक गारंटर की आय, रोजगार और अन्य गुणों पर गौर करते हैं।
अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री :
- गारंटर बनने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री मजबूत हो।
गारंटर बनने से पहले जरूरी बातों का ध्यान रखें
- वित्तीय सिथति : गारंटर बनने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखें, जिससे आपको आगे चलकर किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
- विश्वासपात्र गारंटर चयन : हमेशा उस व्यक्ति के लिए गारंटर बनें जिस पर आपको पूरा विश्वास हो या फिर लोन लेने वाले व्यक्ति की वित्तीय स्थिति अच्छी हो तथा आने वाले समय में वह लोन चुकाने के काबिल हो।
- गारंटर की जिम्मेदारियों की समझ : गारंटर की जिम्मेदारियों को समझें, यदि आपको लगता है कि आप गारंटरी की जिम्मेदारियों को नहीं निभा सकेंगे, तो गारंटर न बनें।
- जोखिमों को समझें और सावधानी बरतें : अक्सर लोग लोन गारंटर रिस्क को समझे बिना ही गारंटर बनने के लिए सहमत हो जाते हैं, लेकिन यह सबसे बड़ी गलती होती है।
- सलाह और निर्णयों का महत्व : विशेषज्ञों से सलाह न लेना और स्वयं सभी निर्णय लेना जोखिम भरा हो सकता है।
- परिवार और दोस्तों के प्रति भावनात्मक लगाव का प्रभाव : दोस्तों या परिवार के प्रति भावनात्मक लगाव के कारण बिना सोचे-समझे गारंटर बनने का निर्णय न ले।
गारंटर बनने से जुड़ी जिम्मेदारियाँ और उसके प्रभाव
- गारंटर बनने पर आपकी जिम्मेदारीयाँ : यदि लोन लेने वाला व्यक्ति आपको गारंटर के रूप में रखता है, तो आप पर भी उस लोन को चुकाने की जिम्मेदारी उस समय आ जाएगी जब लोन लेने वाला प्रमुख व्यक्ति लोन को समय पर नहीं चुका पाएगा। इसका मतलब यह है कि आपको लोन पर लगने वाले जुर्माने, दंड और शेष बकाया राशि का भुगतान बैंक को करना होगा।
- क्रेडिट स्कोर पर गारंटर के असर : अगर आप गारंटर हैं तथा लोन भरने की सारी जिम्मेदारी आप पर आ गई है, तो फिर अगर आप लोन नहीं चुकाते तो इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ सकता है, जिसके फलस्वरूप आपका क्रेडिट स्कोर कम कर दिया जाएगा। जिससे आप भविष्य में कभी लोन नहीं ले पाएंगे।
- गारंटर पर कानूनी कार्रवाई की संभावना : बहुत सारे मामलों में गारंटर पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। जिसमें मुकदमा दायर करना और संपत्ति जब्त करने जैसे कदम भी शामिल हो सकते हैं।
- गारंटर की मृत्यु के बाद जिम्मेदारियाँ : भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 131 के अनुसार, गारंटर की मृत्यु के बाद केवल भविष्य की गारंटी समाप्त हो जाती है, जबकि मौजूदा गारंटी गारंटर की संपत्ति से वसूल की जा सकती है; उत्तराधिकारी तब तक जिम्मेदार नहीं होंगे जब तक वे सह-गारंटर न हों।
- गारंटरी से निकलने के लिए निर्देश : यदि आप लोन गारंटर हैं, और आप अपना नाम गारंटर सूची से हटाना चाहते हैं, तो आपको बैंक से बात करनी होगी जिसमें वह एक फॉर्म भरवाएंगे जिसमें लोन लेने वाले व्यक्ति की रजामंदी से आपका नाम गारंटर के रूप में हटाया जा सकता है।
- वित्तीय संस्थान के साथ संपर्क करें : अगर आप गारंटर हैं तथा लोन की पूरी राशि चुकाने में असमर्थ हैं, तो आपके पास बैंक या वित्तीय संस्थान के साथ बातचीत करने का विकल्प होता है।
- झूठे दावों पर कानूनी कार्रवाई : अगर आपको झूठे दावों के आधार पर गारंटर बनाया गया है और आप उस लोन को नहीं चुका पा रहे हैं, तो आप ऐसी स्थिति में कानूनी सलाहकार की मदद ले सकते हैं।
लोन गारंटर के अधिकार कौन – कौन से है:
गारंटर के अधिकार निम्नलिखित है, जिन्हें समझना और जानना बहुत महत्वपूर्ण है क्युकी यह अधिकार आपको उस स्थिति में सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- उधारकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का अधिकार : पहला अधिकार यह है कि जब उधारकर्ता लोन को नहीं चुकाता तथा बैंक द्वारा आपको परेशान किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में आप उधारकर्ता पर कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं, जिसमें आप IPC की धारा 420 और 406, और IBC की धारा 120 मुकदमा कर सकते हैं।
- बैंक से वसूली के लिए आपकी अधिकारिता : इसके साथ ही अगर बैंक ने आपसे कुछ पैसा वसूल भी किया है, तो आप इस पैसे को वापस पाने के लिए बैंक में अर्जी दे सकते हैं, जिसमें उधारकर्ता को आपको वह पैसा देना होगा।
- नीलामी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का विकल्प : अगर बैंक आपकी संपत्ति नीलाम करने के लिए नोटिस देता है, तो आप उधार लेने वाले व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज करवा सकते हैं। FIR की कॉपी, लोन एग्रीमेंट और सेल नोटिस लेकर कोर्ट जाएं। वहां आप नीलामी रुकवाने (stay) के लिए अर्जी लगा सकते हैं।
- अनधिकृत गारंटी देने पर कानूनी कदम : यदि उद्धारकर्ता ने पर्सनल लोन के लिए आप आपको गारंटर बनाया है लेकिन उद्धारकर्ता बैंक कर्मियों के साथ मिलकरआपको किसी और लोन के लिए भी गारंटर बना दिया है, ऐसी स्थिति मेंआप बैंक के कर्मचारियों तथा उद्धारकर्ता के खिलाफ 420 का मुकदमा कर सकते हो।
- उधारकर्ता की मृत्यु के मामले में सेटलमेंट का विकल्प : आखिर में यदि उधारकर्ता की मृत्यु हो जाती है तथा बैंक द्वारा आपको लोन भरने के लिए कहा जा रहा है तो आप चाहे तो लोन की सेटलमेंट भी कर सकते हो।
Conclusion
लोन गारंटर बनने पर जोखिम तथा जिम्मेदारियां होती हैं, इसलिए गारंटर बनने से पहले आपको गारंटर के अधिकार, नियम शर्ते तथा लोन गारंटर रिस्क के बारे में जानकारी प्राप्त करना बेहद आवश्यक है, इसके लिए आप वित्तीय सलाहकार की सहायता भी ले सकते हैं। लेकिन हम आपको सलाह देंगे कि आप गारंटर उस उद्धारकर्ता का ही बनें, जिस पर आपको पूरा विश्वास हो की वह वर्तमान में लोन चुका पायेगा, वरना गारंटर बनना भी एक जोखिम का काम है।
FAQ ➖
कैसे गारंटरी से मुक्त हो सकते हैं?
गारंटरी से छूट पाने के लिए, आपको उद्धारकर्ता की सहमति के साथ बैंक में जाना होगा। इसके बाद, आपको एक फॉर्म भरना होगा जिससे आपका नाम गारंटर के रूप में हटाया जा सकता है।
गारंटर कैसे बन सकते हैं?
गारंटरी से छूट पाने के लिए, आपको उद्धारकर्ता की सहमति के साथ बैंक में जाना होगा। इसके बाद, आपको एक फॉर्म भरना होगा जिससे आपका नाम गारंटर के रूप में हटाया जा सकता है।
गारंटर क्या होता है?
गारंटर वह व्यक्ति होता है जो किसी और के लिए लोन के लिए गारंटी प्रदान करता है। अगर लोन लेने वाला व्यक्ति लोन की राशि नहीं भरता है, तो गारंटर को उस लोन की बकाया राशि अदा करनी पड़ सकती है।
Rbi guidelines loan guarantor के लिए कौन-कौन सी हैं?
आप इस लिंक पर क्लिक करके आरबीआई की आधिकारिक दिशानिर्देशों को पीडीऍफ़ रूप में देख सकते हैं, जो लोन गारंटर के बारे में हैं।