Defaulter Loan: डिफॉल्टर लोन कैसे लें, लोन डिफॉल्टर के अधिकार, सेटलमेंट कैसे करें

लोन लेने के बाद किसी कारण वर्ष लोन जमा ना करने पर डिफाल्टर का पहला सवाल यही होता है कि डिफॉल्टर लोन कैसे लें? इसीलिए आज हम इसी प्रश्न का उत्तर देने जा रहे हैं तथा कुछ तरीके बताएं कि जिससे डिफाल्टर आसानी से लोन प्राप्त कर पाएंगे।

डिफॉल्टर लोन कैसे लें

लोन डिफॉल्टरों को आसानी से लोन क्यों नहीं मिलता?

यदि आपने किसी व्यापारिक बैंक/ संस्थान/ एनबीएफसी से लोन लेकर उस लोन का पुनर्भुगतान नही किया है और बैंक/ एनबीएफसी ने आपको डिफाल्टर घोषित कर दिया है तो आपको आने वाले भविष्य में किसी भी प्रकार के लोन लेने में काफी ज्यादा दिक्कत होने वाली है।

लोन का पुनर्भुगतान न करने की हालत में आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है और कोई भी बैंक/ ऐप खराब सिबिल स्कोर पर लोन प्रदान नहीं करता है।

सिबिल डिफॉल्टर के लिए पर्सनल लोन देने वाले ऐप

आमतौर पर ज्यादातर लोन देने वाले ऐप सिविल डिफॉल्टर, खराब सिविल पर लोन प्रदान नहीं करते हैं; लेकिन कुछ ऐसे भी Loan App हैं जो सिविल डिफाल्टर या खराब सिबिल होने पर भी कुछ शर्तों पर लोन प्रदान करते हैं; जो कुछ इस प्रकार हैं:–

  1. TATA Capital
  2. Money View
  3. Bajaj Finserv
  4. MoneyTap
  5. Dhani
  6. Zest Money
  7. Pocketly
  8. Home Credit
  9. Smart Coin
  10. LazyPay
  11. airtel payment bank

Note – यह सभी ऐप आपको खराब सिबिल स्कोर होने पर भी ऑनलाइन लोन प्रदान करते हैं लेकिन खराब सिविल पर लोन लेने के लिए कुछ शर्तें निर्धारित हैं, जिनको पूरा करने पर ही लोन मिलता है।

डिफॉल्टर लोन के लिए ऐसे कर सकते हैं आवेदन : डिफॉल्टर लोन कैसे लें

अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब है और आपने किसी लोन की EMI जमा नहीं की है तो हमारे द्वारा बताएगी कुछ तरीके से आप आसानी से लोन ले पाएंगे।

1. सामान/ एसेट गिरवी रखकर लोन लें

अगर डिफाल्टर होने पर कोई भी बैंक/ NBFC आपको लोन नहीं दे रही है तो आप अपना कोई समान या एसेट गिरवी रखकर लोन ले सकते हैं। एसेट या सामान – घर, दुकान, सोना-चांदी, जेवरात तथा प्रॉपर्टी आदि हो सकते हैं।

अगर आपका सिबिल स्कोर कम है या फिर आपने पिछला लोन नहीं चुकाया है तो उसे भूलकर बैंक आपको नया लोन तुरंत दे देगी।

यदि आप अपना कुछ समान/ एसेट गिरवी रखते हैं, लेकिन यदि आप इस लोन को भी नहीं चुकाएंगे हैं तो उस स्थिति में आपके द्वारा गिरवी रखा गया सामान बैंक द्वारा जप्त कर लिया जाएगा और उस पर पूर्ण अधिकार बैंक का हो जाएगा।

लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी इमेज

2. गार्ंटर की सहायता से लोन लें

अगर आपको पर्सनल लोन चाहिए और कोई बैंक आपको खराब क्रेडिट स्कोर के कारण लोन नहीं दे रहा है तो आप किसी गारंटर की सहायता से लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

आपके लोन की सारी जिम्मेदारी गारंटर के सिबिल स्कोर पर होंगी, यदि आप लोन नहीं चुकाते हैं तो लोन की बकाया राशि गारंटर से वसूली जाएगी।

इसलिए अगर आप किसी ऐसे गारंटर के साथ लोन अप्लाई करते हैं जिसका क्रेडिट स्कोर 800 से अधिक है तो आपको बैंक जल्द से जल्द लोन दे देंगे।

3. अधिक ब्याज दरों पर लोन लें

जब आप एक बार डिफाल्टर घोषित हो जाते हैं और बैंक का लोन नहीं चुकाते हैं तो अगली बार आप लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो ज्यादातर बैंक आपको लोन देने से मना कर देते हैं।

यदि कुछ बैंक लोन देते भी हैं तो उनकी ब्याज दरें बहुत ज्यादा होती हैं; ऐसे में आपके पास एक ही रास्ता होता है कि आप अधिक ब्याज दर पर लोन लें और ऐसा करना सही भी होता है क्योंकि इस लोन को चुकाने के बाद आपका सिबिल स्कोर फिर से अच्छा हो जाएगा और आपको सस्ती ब्याज दर पर लोन मिलने लगेगा।

हाई इंटरेस्ट रेट इमेज

4. सिबिल स्कोर को सुधारे।

डिफाल्टर होने के बाद, यदि आप दोबारा लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं तो आप पुराना लोन अदा करके अपना सिबिल स्कोर सुधार सकते हैं; ऐसा करने से आपका खराब सिबिल स्कोर फिर से अच्छा हो जाएगा और आपको कोई भी बैंक आसानी से लोन दे सकती है।

अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको कोई भी बैंक लोन प्रदान नहीं करेगी और आने वाले समय में आपको काफी दिक्कत हो सकती है।

अच्छा cibil स्कोर इमेज

लोन डिफॉल्टर के अधिकार क्या है?

बहुत बार ऐसा होता है कि लोन जमा न करने वाले व्यक्तियों को लोन डिफाल्टर के अधिकार पता नहीं होते इसके फल स्वरुप लोन रिकवरी एजेंटो के उत्पीड़न का शिकार हो जाते हैं, इसीलिए लोन डिफॉल्टर लोगों को अपने अधिकार पता होना बेहद आवश्यक है।

बैंक का नोटिस

लोन डिफॉल्ट होने के बाद आप अपराधी नहीं हो सकते इसीलिए आपसे लोन वसूल करने के लिए बैंकों को SARFAESI Act को फॉलो करना पड़ता है, जिसमें आपको लोन चुकाने के लिए समय दिया जाता है। इसके अंतर्गत अगर आपने 3 महीने लगातार किस्तों का भुगतान नहीं किया है तो आपका लोन खाता को NPA करार दिया जाता है. इसके बाद आपको 3 महीने का नोटिस जारी किया जाता है। नोटिस भेजने के बाद भी आपकी प्रॉपर्टी या फिर गिरवी रखे हुए सामान को बेचने के लिए वित्तीय संस्थानों को 60 दिनों का पब्लिक नोटिस जारी करना होता है, इसके बाद ही वह आपकी गिरवी रखे हुए सामान को बेच सकते है ।

संपत्ति का सही आकलन

अगर आप बैंक द्वारा दिए गए नोटिस का जवाब नहीं देते तो बैंक आपकी संपत्ति की नीलामी प्रक्रिया आगे बढ़ा देती है, जिसके फल स्वरुप बैंक आपकी प्रॉपर्टी को बेचने की प्रक्रिया शुरू कर देती है. ऐसी स्थिति में अगर आपको लगे की आपकी संपत्ति को सही मूल्य नहीं मिल रहा है तो आप इस पर आपत्ती दर्ज कर सक हो या फिर संपत्ति के लिए ग्राहक खुद से बैंक को ढूंढ कर दे सकते हो।

नीलामी के बाद बची हुई रकम को वापस लेना

अगर आप से ली जाने वाली लोन रिकवरी की अमाउंट से ज्यादा आपकी संपत्ति की बिक्री बैंक ने की है तो ऐसी स्थिति में आप बची हुई राशि को बैंक से प्राप्त करने की याचिका दर्ज करवा सकते हो।

मानवीय अधिकार

आरबीआई ने लोन लेने के लिए कुछ मानवीय अधिकार बनाए हुए हैं, जिसका पालन करना सभी बैंकों तथा लोन देने वाली एप्स के लिए अनिवार्य है, जिसके अंतर्गत कोई भी बैंक अमानवीय तरीके से वसूली नहीं कर सकती तथा बैंक के कलेक्शन एजेंटों को आपकी प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखना होगा। इसके अलावा लोन कलेक्शन एजेंट सुबह 7:00 से लेकर शाम 7:00 बजे के बीच की आपसे लोन वसूली के लिए बैंक से नोटिस लेकर आ सकते हैं तथा बिना नोटिस के कोई भी लोन रिकवरी एजेंट आपके घर पर मिलने नहीं आ सकता।

डिफॉल्टर लोन सेटलमेंट कैसे करें?

डिफॉल्टर लोन सेटलमेंट दो प्रकार के होते हैं डायरेक्ट तथा दूसरा इनडायरेक्ट सेटलमेंट. जब आप 3 महीने से ज्यादा लोन की किस्त नहीं भरते तो वित्तीय संस्थान EMI न भरने की वजह पूछते हैं, इसके बाद भी अगर आप लोन नहीं भरते तो 1 महीने के भीतर आपसे डायरेक्ट लोन को सेटलमेंट की रिक्वेस्ट करते हैं, जिसमें वह आपके ब्याज पेनल्टी तथा अन्य चार्ज माफ कर देते हैं तथा आपकी बकाया लोन राशि को भी कम कर देते हैं, फिर आप उनसे थोड़ा मोल भाव करके भी बकाया लोन की राशि को कम करवा सकते हो।

वहीं दूसरी तरफ इनडायरेक्ट सेटलमेंट होता है, जिसमें जब आप वित्तीय संस्थान के द्वारा दिए गए सेटलमेंट ऑफर को ठुकरा देते हैं तो वह वित्तीय संस्थान अपने पैसे को डूबा हुआ मान लेता है फिर वह अन्य थर्ड पार्टी कंपनियों को लोन वसूली के लिए आपकी इनफार्मेशन दे देता है. जिसकी फलस्वरुप अगर आप थर्ड पार्टी कंपनी के द्वारा इनडायरेक्ट लोन सेटेलमेंट करते हो तो उसे वित्तीय संस्थान को कुछ परसेंट लोन अमाउंट मिल जाती है।

FAQ:

Cibil डिफॉल्टर लोन कैसे लें?

Cibil defaulter गार्ंटर की सहायता या फिर एसेट गिरवी रखकर लोन ले।

क्या है RBI का डिफॉल्टर लोन नियम?

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार यदि किसी बैंक ने किसी ग्राहक को लोन से संबंधित डिफाल्टर घोषित किया है तो उस बैंक को डिफाल्टर के साथ एक समझौता करना होगा; जिसमें डिफाल्टर को लोन चुकाने के लिए एक्स्ट्रा 12 महीना का समय दिया जाएगा और यदि इस समय में डिफाल्टर लोन को चुका देता है तो बैंक डिफाल्टर का टैग उस ग्राहक से हटा लेगा और उस ग्राहक को दोबारा लोन दिया जाएगा।

मैं दिनेश नाम से जाना जाता हूं और मुझे बैंकिंग उद्योग से गहरा लगाव है। इसके अतिरिक्त, मेरे पास एचडीएफसी बैंक में loan जारी करने का 3 साल का अनुभव है। my facebook id

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