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Loan tenure meaning in hindi: फायदे, नुकसान और चयन की विधि

यदि आप ऋण लेने की योजना बना रहे हैं या पहले ही कोई उधार ले चुके हैं, तो ऋण टेन्योर (अवधि) को समझना बेहद जरूरी है। इसका सही चुनाव न केवल आपकी बचत को प्रभावित करता है, बल्कि आपकी पूरी वित्तीय स्थिति पर भी गहरा असर डालता है।इसे ध्यान में रखते हुए, आज हम समझाये गए की loan tenure meaning in hindi में क्या होता है। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि सही अवधि का चुनाव कैसे करें, इसके फायदे और नुकसान, और इसे अपनी जरूरत और सहूलियत के हिसाब से कैसे अपनाएं। तो चलिए, इन सभी बातों को समझते हैं और सूझ-बूझ से फैसले लेते हैं।

Loan tenure meaning in hindi

Understanding loan tenure meaning in hindi

loan tenure meaning  का मतलब समझाने के लिए हम आपको एक आसान उदाहरण के जरिए समझाएंगे, जैसे की जब कोई व्यक्ति किसी भी वित्तीय संस्थान से कर्ज प्राप्त करता है तो उसे वित्तीय संस्थान के द्वारा लोन को पूरी तरह से चुकाने के लिए समय अवधि दी जाती है, जो कुछ महीनों से लेकर सालों तक की हो सकती है, जिसको हम लघु अवधि या दीर्घ अवधिभी कह सकते हैं। कर्ज की अवधि इस बात पर निर्भर करती है कि आपने किस प्रकार की वित्तीय सहायता ली है, जैसे कि:

लघु अवधि

इस श्रेणी में वह सभी कर्ज आ जाते हैं, जिन्हें चुकाने का tenure आमतौर पर एक से पांच वर्षों तक का होता है। उदाहरण के लिए, गोल्ड लोन को चुकता करने की अवधि 6 महीने से 3 वर्ष तक, व्यक्तिगत ऋण के लिए 1 से 5 वर्ष तथा कार ऋण के लिए 3 से 7 वर्ष तक की होती है।

दीर्घ अवधि

इस श्रेणी में वह सभी ऋण आ जाते हैं जिनको चुकाने की अवधि लगभग 10 से 30 वर्षों तक का होता है। उदाहरण के तौर पर, होम ऋण की अवधि 10 से 30 वर्ष, शिक्षा ऋण की 5 से 15 वर्ष और बिज़नेस ऋण की 1 से 20 वर्ष तक हो सकती है।

छोटी और लंबी ऋण अवधि के फायदे और नुकसान जानें

लघु अवधि के फायदे तथा नुकसान

लाभ:

  • अगर आप कम समय के लिए ऋण लेते हैं तो इसका आवेदन बहुत ही सरल तथा त्वरित होता है।
  • कम क्रेडिट स्कोर वाले लोग भी इन ऋणों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

नुकसान:

  • उच्च लागत: उच्च ब्याज दरें और शुल्क होते हैं।
  • आमतौर पर छोटी राशि के लिए होते हैं, जिससे व्यक्ति अपनी बड़ी जरूरत को पूरा नहीं कर सकता।
  • लोन को कम समय में चुकता करना पड़ता है जिसके कारण वित्तीय दबाव बढ़ सकता है।

दीर्घ अवधि के फायदे तथा नुकसान

लाभ:

  • छोटी मासिक किस्तें: मासिक भुगतान कम होते हैं, जिससे बजट प्रबंधन आसान होता है।
  • बड़ी पूर्ति : बड़ी राशि उद्धार ली जा सकती है जिससे व्यक्ति अपनी बड़ी जरूरत को पूरा कर सकता है।
  • कम ब्याज दरें: ब्याज दरें अक्सर कम होती हैं, जिससे मासिक किस्तें कम रहती हैं।

नुकसान:

  • कुल लागत अधिक: लंबी अवधि के कारण कुल ब्याज अधिक हो सकता है।
  • भविष्य की वित्तीय स्थिति के लिए अनुपयुक्त: अगर आपकी आय बढ़ती है, तो जल्दी ऋण चुकाने पर शुल्क लग सकता है। वहीं, अगर आय घटती है, तो मासिक किस्तें चुकाना मुश्किल हो सकता है।

ऋण अवधि को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Influencing Loan Tenure)

  • मासिक आय और खर्चों की स्थिति: यदि आपकी मासिक आय अधिक है तो आप छोटी अवधि के कर्ज चुन सकते हैं जिससे अधिक ब्याज से बचा जा सकता है। वहीं अगर आपका मासिक खर्च अधिक है या आपकी आय कम है तो आप लंबी अवधि के लोन पर विचार करना बेहतर होगा। क्योंकि इससे मासिक किश्त कम होगी, जिससे आप आसानी से लोन की किस्तों को हर महीने चुका पाएंगे।
  • उधारकर्ता की आयु: कम उम्र में लंबी अवधि के ऋण अधिक उपलब्ध होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती जाती है, विकल्प कम हो जाते हैं।
  • ब्याज दर: उच्च ब्याज दरों पर कम अवधि के ऋण बेहतर हैं, जबकि कम ब्याज दरों में लंबी अवधि का चयन किया जा सकता है।
  • पूर्व-भुगतान और लचीलापन: पूर्व-भुगतान का विकल्प आपको ऋण जल्दी समाप्त करने और ब्याज बचाने की सुविधा देता है।

लोन अवधि प्रबंधन के बेहतरीन उपाय

होम लोन जल्दी चुकाने की बजाय निवेश का विकल्प :-

होम ऋण जल्दी चुकाने की बजाय, अतिरिक्त पैसे को इक्विटी म्यूचुअल फंड में लगाएं। इससे आपको 12-15% का रिटर्न, टैक्स बचत और जरूरत पर पैसे निकालने की सुविधा मिलती है। साथ ही, होम लोन पर टैक्स छूट से ब्याज दर भी कम होती है, जिससे आपका पैसा तेजी से बढ़ता है।

आय बढ़ने पर रीफाइनेंस करें :-

अगर आपकी आय ऋण की अवधि के दौरान बढ़ती है, तो रीफाइनेंस करें। अपनी EMI बढ़ाएं ताकि अवधि कम हो सके और ब्याज में बचत हो। अगर ब्याज दरें गिरती हैं, तो अपने उधार को कम ब्याज दर वाले लोनमें ट्रांसफर करें।

अवधि का चयन :-

अगर आप अपने लोन पर कम ब्याज चाहते हैं, तो लंबी अवधि चुनें। लेकिन अगर आप अपना उधार जल्दी चुकाना चाहते हैं और कुल ब्याज में बचत करना चाहते हैं, तो छोटी अवधि चुनें।

निष्कर्ष :-

loan tenure meaning को हर उस व्यक्ति को समझना चाहिए जो उधार लेने की योजना बना रहा है। यह अवधि बताती है कि आपको लोन चुकाने के लिए कितना समय मिलेगा। सही ऋण टेन्योर का चुनाव एक बड़ा फैसला होता है। इसके लिए आप किसी विशेषज्ञ से सलाह भी ले सकते हैं।

सामान्य प्रश्न (FAQ) :-

क्या कम अवधि या लंबी अवधि बेहतर है? 

यह आपकी वित्तीय क्षमता पर निर्भर करता है। अगर आप ऊंची ईएमआई संभाल सकते हैं और ब्याज को कम करना चाहते हैं, तो छोटी अवधि चुनें। अगर आप कम मासिक किस्तें और बेहतर नकदी प्रवाह चाहते हैं, तो लंबी अवधि चुनें।

क्या लचीला लोन टेन्योर एक बेहतर विकल्प है? 

स्टेप-अप या स्टेप-डाउन जैसे लचीले ऋण उन लोगों के लिए मददगार होते हैं, जिनकी आय कभी बढ़ती-घटती रहती है। ये आपकी आय और करियर में बदलाव के हिसाब से ईएमआई को एडजस्ट करते हैं।

balance tenure meaning in hindi में क्या होता है?

संतुलित अवधि वह समय है जो आपके ऋण को चुकाने के लिए बचा हुआ है।
उदाहरण के लिए, अगर आपने 5 साल का उधार लिया और 2 साल चुका दिए, तो आपकी संतुलित अवधि 3 साल होगी। यह वही समय है जिसमें आपको बाकि का ऋण चुकाना है।

required tenure months meaning in hindi में क्या होता है?

आवश्यक अवधि के महीने वह महीनों की संख्या है जिसमें आपको ऋण चुकाना होगा।
उदाहरण के लिए, अगर आपको बताया जाता है कि लोन चुकाने में 24 महीने (2 साल) लगेंगे, तो इसका मतलब है कि यह लोन 24 महीनों में चुकाया जाएगा। यह आपकी जरूरत और भुगतान क्षमता पर आधारित है।

मैं दिनेश नाम से जाना जाता हूं और मुझे बैंकिंग उद्योग से गहरा लगाव है। इसके अतिरिक्त, मेरे पास एचडीएफसी बैंक में loan जारी करने का 3 साल का अनुभव है। my facebook id

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